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रूस का अमेरिका पर आरोप, कहा- भारत के आंतरिक मामलों में दख़ल देकर चुनाव को प्रभावित करना चाहता है अमेरिका

 09 May 2024

रुसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिका के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित होता हो कि ख़ालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या के पीछे भारत का हाथ है। मारिया ने कहा कि अमेरिका को भारत के इतिहास की समझ नहीं है। भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका के आरोप निराधार रहे हैं। अमेरिका ने ख़ालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या का एक भी सबूत पेश नहीं किया है। अमेरिका बिना आधार के बयान देकर भारत के चुनावों को प्रभावित करना चाहता है। यह ज़वाब अमेरिकी अख़बार वाशिंगटन पोस्ट की उस ख़बर पर दिया गया है जिसमें भारत के ऊपर आरोप लगाया गया है कि भारत रूस और साऊदी अरब की नीतियों पर चल रहा है।


भारत पर आरोप....

पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा था कि भारत अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नून (ख़ालिस्तानी आतंकवादी समर्थक) की हत्या करना चाहता था, जिसे अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग ने नाक़ाम कर दिया। जबकि भारत के विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रया देते हुए अमेरिका के आरोपों का खंडन किया था। अमेरिका आज तक पन्नून की हत्या में भारत के हाथ का कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाया है। अमेरिका सिर्फ़ निराधार आरोप लगाते हुए आ रहा है। 

जबकि अमेरिका ने दावा किया था कि पन्नून की हत्या में भारत के ख़ुफ़िया विभाग रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का हाथ था।

रुसी प्रवक्ता ने क्या है

मारिया ज़खारोवा ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के नई दिल्ली पर आरोप निराधार रहे है। अमेरिका न सिर्फ भारत बल्कि कई देशों पर धार्मिक भेदभाव को लेकर जो आरोप लगता है, वे ज्यादातर निराधार होते हैं। इससे पता चलता है कि अमेरिका की मानसिकता किस प्रकार की है, वह क्या सोचता है। अमेरिका के भारत पर लगाये गये आरोप का मतलब भारत के इतिहास का अनादर करना है। 

उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत की धार्मिक आज़ादी पर टिप्पणी करके भारत की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करना चाहता है। जिससे भारत में चल रहे लोकसभा के चुनावों को प्रभावित किया जा सके। मारिया ने कहा कि अमेरिका की नीतियां अन्य देशों के मामले में अधिकतर ‘कल्पना’ वाली रही हैं।  

 अमेरिका के आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अमरीका के आरोपों को बिना सबूतों के आधार पर झूठा बताया था। अमेरिका ने जो आरोप लागये है भारत में उसके ख़िलाफ़ जांच शुरू हो गयी है। अमेरिका को ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिये जिसका जवाब अमेरिका के पास ख़ुद न हो।